*जर्मनी की संसद में ‘पीस एंड लीडरशिप’ कॉन्क्लेव में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. चिन्मय पंड्या ने दी वैश्विक शांति और भारतीय संस्कृति की प्रेरणा*

फ्रैंकफर्ट (जर्मनी), 5 अक्टूबर 2025 —
भारत की आध्यात्मिक संस्कृति और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के संदेश को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करते हुए, अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय (DSVV), हरिद्वार के प्रति-कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने जर्मनी की संसद में आयोजित ऐतिहासिक “पीस एंड लीडरशिप कॉन्क्लेव” में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
यह आयोजन उस समय का साक्षी बना जब भारतीय अध्यात्म और आधुनिक वैश्विक चिंतन एक ही मंच पर एकत्र हुए।
डॉ. पंड्या ने अपने प्रभावशाली उद्बोधन में कहा कि आज जब विश्व अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब भारत का शाश्वत दर्शन “वसुधैव कुटुम्बकम्” ही वास्तविक समाधान प्रस्तुत करता है।
उन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय द्वारा एक ऐसे नवयुग की नींव रखी, जो वैश्विक शांति, नैतिकता और आत्म-विकास पर आधारित है।
डॉ. पंड्या ने अपने वक्तव्य में यह भी बताया कि आगामी वर्ष 2026 में परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी एवं दिव्य अखंड दीप के शताब्दी समारोह का आयोजन विश्व-स्तरीय स्तर पर किया जाएगा, जो एक “वैश्विक एकता, आत्मपरिवर्तन और आध्यात्मिक नवजागरण का आह्वान” होगा।
इस अवसर पर कई सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें श्रीमती शुचिता किशोर (कौंसुल जनरल ऑफ इंडिया, फ्रैंकफर्ट, भारत सरकार), सुश्री उर्सुला बुश (चेयरवुमन, पार्लियामेंटरी बोर्ड, एसपीडी – सिटी ऑफ फ्रैंकफर्ट), प्रो. अजीत सिकंद (प्रोफेसर, जोहान गुटेनबर्ग यूनिवर्सिटी, माइंज), सुश्री कृति कुमार (काउंसलर, सिटी केल्स्टरबाक) प्रमुख थीं।
इसके अतिरिक्त श्री कपिल कुमार, डिप्लोमा इंजीनियर पारुल मोहन, श्री अश्वनी तिवारी, श्री किशन अग्रवाल, श्री राहुल कुमार और श्री जॉय एडविन थनाराजा जैसे अनेक प्रतिष्ठित भारतीय एवं विदेशी प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
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