ब्राह्मण मन और ऋषिकर्म...

अंतरंग में ब्राह्मण वृत्ति जगते ही बहिरंग में साधु प्रवृत्ति का उभरना स्वाभाविक है। ब्राह्मण अर्थात लिप्सा से जूझ सकने योग्य मनोबल का धनी— प्रलोभनों और दबावों का सामना करने में समर्थ— औसत भारतीय स्तर के निर्वाह में काम चलाने से संतुष्ट। इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने के लिए आरंभिक जीवन में ही मार्गद...

Oct. 12, 2025, 11:30 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 98): बोओ एवं ...

अध्यात्म को विज्ञान से मिलाने की योजना— कल्पना में तो कइयों के मन में थी, पर उसे कोई कार्यान्वित न कर सका। इस असंभव को संभव होते देखना हो, तो ब्रह्मवर्चस् शोध संस्थान में आकर अपनी आँखों से स्वयं देखना चाहिए। जो संभावनाएँ सामने हैं, उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले दिनों अध्यात्म की रूपरेखा वि...

Oct. 2, 2025, 11:31 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 97): बोओ एवं ...

इसे परीक्षा का एक घटनाक्रम ही कहना चाहिए कि पाँच बोर का लोडेड रिवाल्वर शातिर हाथों में भी काम न कर सका। जानवर काटने के छुरे के बारह प्रहार मात्र प्रमाण के निशान छोड़कर अच्छे हो गए। आक्रमणकारी अपने बम से स्वयं घायल होकर जेल जा बैठा। जिसके आदेश से उसने यह किया था, उसे फाँसी की सजा घोषित हुई। असुरता के ...

Oct. 1, 2025, 10:25 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 96): बोओ एवं ...

इस विराट को ही हमने अपना भगवान माना। अर्जुन के दिव्य चक्षु ने इसी विराट के दर्शन किए थे। यशोदा ने कृष्ण के मुँह में स्रष्टा का यही स्वरूप देखा था। राम ने पालने में पड़े-पड़े माता कौशल्या को अपना यही रूप दिखाया था और काकभुशुंडि इसी स्वरूप की झाँकी करके धन्य हुए थे। हमने भी अपने पास जो कुछ था, उसी विराट...

Sept. 28, 2025, 10:29 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 95): बोओ एवं ...

हिमालययात्रा से हरिद्वार लौटकर आने के बाद जब आश्रम का प्रारंभिक ढाँचा बनकर तैयार हुआ, तो विस्तार हेतु साधनों की आवश्यकता प्रतीत होने लगी। समय की विषमता ऐसी थी कि जिससे जूझने के लिए हमें कितने ही साधनों, व्यक्तित्वों एवं पराक्रमों की आवश्यकता अपेक्षित थी। दो काम करने थे— एक संघर्ष, दूसरा सृजन। संघर्ष...

Sept. 25, 2025, 11:07 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 94): शान्तिकु...

गुजारा अपनी जेब से एवं काम दिन-रात स्वयंसेवक की तरह मिशन का, ऐसा उदाहरण अन्य संस्थाओं में चिराग लेकर ढूँढ़ना पड़ेगा। यह सौभाग्य मात्र शान्तिकुञ्ज को मिला है कि उसके पास एम०ए०, एम०एस०सी०, एम०डी०, एम०एस०, पी०एच०डी०, आयुर्वेदाचार्य, संस्कृत आचार्य स्तर के कार्यकर्त्ता हैं। उनकी नम्रता, सेवाभावना, श्रमशी...

Sept. 25, 2025, 10:54 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 93): शान्तिकु...

यहाँ सभी सत्रों में आने वालों की स्वास्थ्य परीक्षा की जाती है। उसी के अनुरूप उन्हें साधना करने का निर्देश दिया जाता है। अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय पर इस प्रकार शोध करने वाली विश्व की यह पहली एवं स्वयं में अनुपम प्रयोगशाला है। इसके अतिरिक्त भी सामयिक प्रगति के लिए जनसाधारण को जो प्रोत्साहन दिए जान...

Sept. 24, 2025, 10:02 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 92): शान्तिक...

देश की सभी भाषाओं और सभी मत-मतांतरों को पढ़ाने और उनके माध्यम से हर क्षेत्र में कार्यकर्त्ता तैयार करने के लिए एक अलग भाषा एवं धर्मविद्यालय शान्तिकुञ्ज में ही इसी वर्ष बनकर तैयार हुआ है और ठीक तरह चल पड़ा है। उपरोक्त कार्यक्रमों को लेकर जो भी कार्यकर्त्ता देशव्यापी दौरा करते हैं, वे मिशन के प्रायः 10 ...

Sept. 23, 2025, 10:05 a.m.

उत्तर प्रदेश में आयोजित हुआ रक्तदान महाय...

उत्तर प्रदेश राज्य के जनपदों में अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुड़े परिजनों ने 21 सितंबर को सामूहिक रूप से रक्तदान महायज्ञ शिविर का आयोजन किया। शिविर में सुल्तानपुर जनपद द्वारा कीर्तिमान स्थापित करते हुए 1008 यूनिट रक्तदान किया गया। उसके बाद बुलंदशहर में 220 यूनिट रक्तदान किया गया। रक्तदान महायज्ञ म...

Sept. 23, 2025, 1:07 a.m.

जनपद कौशाम्बी के गायत्री परिजनों ने सामू...

• माता भगवती देवी शर्मा जी की जयंती के अवसर पर लोगों ने रक्तदान कर दी आहुति • जनपद के 21 परिजनों ने स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के रक्त केंद्र मंझनपुर में किया रक्तदान   कौशाम्बी: अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज के तत्वावधान में रक्तदान महायज्ञ के तहत 21 सितंबर दिन रविवार को जिलास्तरीय रक...

Sept. 23, 2025, 12:41 a.m.

Tech Wealth with Mental Health” – Disha ...

On the occasion of World Mental Health Day, the Disha Club — the Psychological, Spiritual, and Career Counselling Club of Dev Sanskriti Vishwavidyalaya — organized an engaging awareness event titled “Tech Wealth with Mental Health.” The program was conducted under the Dev Sanskriti Student Club init...

Oct. 11, 2025, 10:39 a.m.

Session on E-Waste Awareness & Reduction...

Dev Sanskriti Student's Club members had the enriching opportunity to attend an impactful session on E-Waste Awareness & Reduction, organized in collaboration with Eco Clubs and Mission LiFE (Lifestyle for Environment). Organized By : Srijan Shilpi | Social Outreach Club Dev Sanskriti Vishwavidyalay...

Oct. 11, 2025, 10:26 a.m.

Workshop on E-Content Creation for Multi...

The Dev Sanskriti Faculty Club - Cultural Cell, in collaboration with the Dev Sanskriti Alumni Association, successfully organized a workshop on E-Content Creation for Multimodal Education through Street Play (Nukkad). Alumni Speaker: Shri Dharamveer Bharti Director & Producer, Add-Bharti Creations ...

Oct. 11, 2025, 10:16 a.m.

Advancing the Vision of Global Peace and...

In the next step of his international visit, Respected Dr. Chinmay Pandya, Pro Vice Chancellor of Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, visited the United Nations Headquarters as well as the Inter-Parliamentary Union (IPU) Headquarters in Geneva. During the visit, Dr. Pandya met and interacted with senior ...

Oct. 9, 2025, 5:22 p.m.

Continuing the International Visit: Inte...

As part of the ongoing international journey, Respected Dr. Chinmay Pandya, Pro Vice Chancellor of Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, arrived in Geneva and visited the headquarters of the Inter-Parliamentary Union (IPU). At the IPU Headquarters, Dr. Pandya engaged in a meaningful dialogue with...

Oct. 9, 2025, 5:08 p.m.

जर्मनी की ऐतिहासिक संसद में पहली बार गूं...

हरिद्वार 8 अक्टूबर।  भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपराओं की दिव्यता अब यूरोप की ऐतिहासिक धरती पर भी गूंजने लगी है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पंड्या ने जर्मनी की ऐतिहासिक फ्रैंकफर्ट पार्लियामेंट में आयोजित ‘पीस एं...

Oct. 8, 2025, 12:51 p.m.

Continuing the International Visit: Inte...

As part of the ongoing international journey, Respected Dr. Chinmay Pandya, Pro Vice Chancellor of Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, arrived in Geneva and visited the headquarters of the Inter-Parliamentary Union (IPU). At the IPU Headquarters, Dr. Pandya engaged in a meaningful dialogue with...

Oct. 8, 2025, 9:29 a.m.

*जर्मनी की संसद में ‘पीस एंड लीडरशिप’ कॉ...

फ्रैंकफर्ट (जर्मनी), 5 अक्टूबर 2025 — भारत की आध्यात्मिक संस्कृति और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के संदेश को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करते हुए, अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय (DSVV), हरिद्वार के प्रति-कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने जर्मनी की संसद में आयोजित ऐ...

Oct. 7, 2025, noon

Gayatri Yagya Conducted by Dr. Chinmay P...

As part of the ongoing international visit, Respected Dr. Chinmay Pandya, Pro Vice Chancellor of Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, conducted a sacred Gayatri Yagya at the residence of Shri Rahul Kumar, Hon’ble Member of the City Parliament, Frankfurt. The Yagya, an eternal Vedic tradition, is...

Oct. 7, 2025, 10:23 a.m.

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के श्री आलोक ...

देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिवार के लिए यह अत्यंत गौरवपूर्ण क्षण है कि हमारे, छात्र जीवन के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के अंतर्गत उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले श्री आलोक कुमार पांडेय को प्रतिष्ठित “माय भारत – राष्ट्रीय सेवा योजना राष्ट्रपति पुरस्कार 2022–23” से अलंकृत किया गया। यह सम्मा...

Oct. 7, 2025, 9:33 a.m.
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First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।